*क्षय रोग और सिकलसेल को रोकने के लिए संवेदनशीलता के साथ करें कार्य - राज्यपाल*
*दवाइयों और जीवनशैली में बदलाव से ठीक हो सकता है क्षय रोग- राज्यपाल*
*राज्यपाल ने अमरकंटक में सिकलसेल और क्षय रोग से बचाव के प्रयासों की समीक्षा*
*राज्यपाल ने मरीजों को पोषण किट्स किए वितरित*
*अनूपपुर 02 अक्टूबर 2022-* प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि क्षय रोग और सिकलसेल को रोकने के लिए संवेदनशीलता के साथ कार्य एवं सार्थक प्रयास करने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर क्षय रोग से भारत को 2025 तक मुक्त बनाने की घोषणा की है। इस दिशा में सभी चिकित्सकों, शासकीय कर्मचारियों एवं जनप्रतिनिधियों को प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि क्षय रोग पूर्णत: ठीक हो सकता है, बशर्ते मरीज समय पर दवाइयां ले और जीवनशैली में सुधार कर शराब, धूम्रपान जैसे दूर्व्यसनों से दूर रहे। राजपाल ने कहा कि दवाइयों के साथ वाइन और धूम्रपान नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि क्षय रोग से ठीक होना है तो मरीजों को वाइन और धूम्रपान छोड़ना ही होगा। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल आज इंदिरा गांधी जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक में आयोजित राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम एवं सिकल सेल एनीमिया की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि सिकलसेल के कई मरीजों को उन्होंने देखे हैं, इस रोग के प्रति जागरूकता आवश्यक है, यह रोग जनजातीय समुदाय में ज्यादा देखे गए हैं। मध्यप्रदेश में आदिवासियों की जनसंख्या ज्यादा है, इसे दृष्टिगत रखते हुए जनजाति क्षेत्रों में सिकल सेल के प्रति जागरूकता आवश्यक है।
समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि राज्य भवन में सिकल सेल की लगातार समीक्षा की जा रही है, क्षय रोग और सिकल सेल रोग के नियंत्रण हेतु राज्यपाल महोदय का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। प्रदेश में सिकल सेल के मरीजों का चिन्हांकन किया जा रहा है। साथ ही उनकी स्क्रीनिंग भी की जा रही है तथा बेहतर उपचार देने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि टीवी रोग नियंत्रण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले छह रोग की जांच की सुविधा जिला स्तर पर ही थी अब इसे ब्लॉक स्तर तक पहुंचा दिया गया है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में रक्तदान के क्षेत्र में अच्छा कार्य हुआ है इसकी सराहना हुई है। उन्होंने बताया कि सिकलसेल की टेस्टिंग की व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है।
समीक्षा बैठक के दौरान कलेक्टर अनूपपुर सुश्री सोनिया मीणा ने बताया कि क्षय नियंत्रण हेतु अनूपपुर जिले में संसाधनों की कमी के बावजूद भी अच्छे प्रयास किए गए हैं। क्षय नियंत्रण कार्यक्रम में अनूपपुर जिला मध्य प्रदेश में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने बताया कि अनूपपुर जिले में 1 लाख 60 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की गई है, इसमें 13 हजार 68 मरीज एनिमिक पाए गए हैं, जिन्हें उपचार मुहैया कराया जा रहा है।
समीक्षा के दौरान डॉ० रूबी ने बताया कि सिकल सेल के रोगियों के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया गया है। सभी जिला चिकित्सालय में स्क्रीनिंग की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर हिमोग्लोबिन पैथिक मिशन चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि खून की कमी, सांस लेने में तकलीफ होने पर शीघ्र जांच करानी चाहिए तथा रोगियों को जेनेटिक काउंसलिंग भी कराना चाहिए। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी देते हुए डॉ० वर्षा ने बताया कि मध्यप्रदेश में टीवी उपचार की सभी सुविधाएं निःशुल्क है। मध्यप्रदेश में पिछले 4 महीने में 1 लाख 35 हजार टीव्ही मरीजों की टेस्टिंग की गई है। समीक्षा के दौरान क्षय रोग से पीड़ित मरीज रामपाल बघेल ने बताया कि मेरा इलाज अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है, जिससे मैं ठीक हो रहा हूं। समीक्षा के दौरान अनूपपुर जिले के नीरज सिंह राठौर ने बताया कि मेरी उम्र 13 साल की थी, तब मुझे पता चला कि सिकलसेल है, मुझे तत्कालीन कलेक्टर ने मुझे इस बीमारी के प्रति मोटिवेट किया।
समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री मंगु भाई पटेल ने सिकलसेल बीमारी एवं टीवी की बीमारी से पीड़ित मरीजों को पोषण किट्स का वितरण भी किया।
बैठक में खाद एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, कमिश्नर शहडोल संभाग श्री राजीव शर्मा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शहडोल जोन श्री डी.सी. सागर, कुलाधिपति श्री मुकुंल ईश्वर लाल शाह, कलेक्टर अनूपपुर सुश्री सोनिया मीना, पुलिस अधीक्षक श्री अखिल पटेल, सिकल सेल प्रकोष्ठ के संयोजक श्री दीपक खांडेकर एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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