कोयला खदान के कर्मचारियों, अधिकारियों एवं आम जनता से विनम्र अपील*_ *हरिद्वार सिंह*

*कोयला खदान के कर्मचारियों, अधिकारियों एवं आम जनता से विनम्र अपील*_ *हरिद्वार सिंह*
संतोष चौरसिया
 अनूपपुर एसईसीएल एटक के महामंत्री एवं मध्यप्रदेश राज्य एटक के अध्यक्ष, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सहायक राज्य सचिव कामरेड हरिद्वार सिंह ने कोयला खदान के कर्मचारियों, अधिकारियों एवं आम जनता से विनम्र अपील करते हुए कहा है कि आज पूरा देश भीषण महामारी के दौर से गुजर रहा है। सरकारी इंतजाम बेहद कमजोर साबित हुए हैं। अस्पतालों में बिस्तर नहीं है, ऑक्सीजन सिलेंडर की बेहद कमी है, वेंटीलेटर का बहुत अभाव है। ऐसी स्थिति में आत्मरक्षा करना ही सबसे बेहतर उपाय है जिस तरीके से शहडोल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 12 लोगों की जानें चली गई, समझा जाना चाहिए कि 12 परिवार उजड़ गया। कोयला खदान पूरे देश के अंधेरे को खत्म करता है। हमारे जांबाज कर्मचारी एवं अधिकारी मिलकर जान को जोखिम में डालकर कोयला उत्पादन कर देश के करोड़ों घरों में बिजली पैदा कर रोशनी देने का काम करते हैं। ऐसी स्थिति में कोयला मजदूरों के काम करने की जो प्रवृत्ति है, सिस्टम है, वह एक साथ समूह में काम करते हैं। ट्रेड यूनियन के दबाव में समूचे कोयला क्षेत्र में अस्पताल बनाई गई थी लेकिन जब बड़े-बड़े शहरों में ही बड़े-बड़े अस्पतालों में बिस्तर नहीं है, ऑक्सीजन नहीं है तो ऐसी स्थिति में महामारी से लड़ने के लिए हमें कोयला खदान के अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के लिए कुछ बिस्तर आरक्षित करने चाहिए लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए की एसईसीएल के कर्मचारियों या अधिकारियों या आसपास के कोयला अस्पताल के ऊपर आश्रित लोगों के नियमित इलाज या दवाई में कोई तकलीफ ना हो। कई जगह सुनने में आ रहा है कि राज्य सरकार के कुछ अधिकारी एसईसीएल के अस्पताल में एसईसीएल के ही कर्मचारियों के इलाज या भर्ती होने पर प्रतिबंध लगा रहे हैं जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह समय टकराव का नहीं बल्कि सामंजस्य और सहयोग का है तभी हम भीषण महामारी के ऊपर विजय प्राप्त कर सकते है। 

कामरेड हरिद्वार सिंह ने कोयला मजदूरों से अपील किया कि जैसे ही उन्हें बुखार, बदन में दर्द, खांसी, आदि के लक्षण मालूम पड़ते हैं, बिना समय गवाएं कोविड-19 की जांच कराएं यदि बड़े अस्पताल में रेफर की जरूरत पड़ती है तो ट्रेड यूनियन के कार्यकर्ताओं या अपने सहयोगी की मदद लें लेकिन अपने आप ही मान लेना कि केवल सर्दी, खांसी, बुखार है, कोविड-19 नहीं है, यह अनजाने में की जा रही बहुत बड़ी भूल है, इससे कोविड-19 का संक्रमण तेजी से फैलता है। बहुत सारे पढ़े लिखे अधिकारी भी ऐसी भूल करते जा रहे हैं, जिसकी वजह से उनका जान खतरे में पड़ जाता है। पिछले एक वर्षों में कोविड-19 से एसईसीएल के लगभग 70 लोगों ने जाने गवा दिया है। कोयला प्रबंधन से भी मेरा विनम्र आग्रह है की कि मशीनों को एल्कोहलिक सैनिटाइजर से सैनिटाइज कराना, हाजिरी घर में दूरी बनाकर मजदूरों का हाजिरी लगवाना, जहां एक साथ बैठ कर कार्यालय में कर्मचारी काम करते हैं उनकी संख्या आधी करना, आवश्यकता हो तो और कम करना, जो आज कर्मचारी घर से काम कर सकते हैं उनको घर से काम करने की छूट देना, अच्छे किस्म का मास्क प्रयाप्त मात्रा में वितरण कराना, जितने भी covid-19 से बचाव के उपाय हैं ईमानदारी से पालन किया जाना चाहिए। कामरेड हरिद्वार सिंह ने कर्मचारियों से यह भी अपील किया कि समय पर वैक्सीन हर हाल में आपको अपने एवं अपने परिवार के लोगों को लगवाना चाहिए। अफवाह या कही सुनी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। हमारे चिकित्सक सारे सवालों का, शंका का जवाब देकर संतुष्ट कर रहे हैं, कहीं से भी ऐसी स्थिति नहीं आ रही है कि वैक्सीन जानलेवा है। ऐसी स्थिति में आप स्वयं भी वैक्सीन लगाएं और अपने मित्रों, पड़ोसियों एवं काम करने की जगह पर भी साधारण बातचीत में वैक्सीन लगाने के लिए प्रोत्साहित करें ।इस सदी का सबसे बड़ा महामारी है। ना कभी देखा गया था और ना ही सुना गया था जब मरघट के मंजर को देखेंगे, सुनेंगे तो आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे इसीलिए इतनी कड़ाई से एहतियात का पालन करना है कि हमारे मजदूर साथियों को अधिकारियों को या आम जनता को अस्पताल जाने की आवश्यकता ही ना पड़े। मैं एक बार फिर से आप सबसे विनम्र अपील करना चाहता हूं कि सारे प्रकार के भेदभाव को भुला कर के हमें बेहतर वातावरण का निर्माण करके और बेहतर दिशा में आगे बहना चाहिए तभी हम बचेंगे, हमारा परिवार बचेगा, हमारे साथी बचेंगे और उद्योग बचेगा और राष्ट्र सेवा करते रहेंगे। कामरेड हरिद्वार सिंह ने यह भी अपील किया है कि एसईसीएल में 70 से अधिक कर्मचारी एवं अधिकारियों ने दम तोड़ दिया है लेकिन भारत सरकार द्वारा घोषित 15 लाख रुपए बतौर मुआवजा केवल 42 लोगों को दिया गया है ऐसी स्थिति पर प्रबंधन से हमारी मांग है की इस दुख की घड़ी में शेष परिवारों को भी तत्काल 15 लाख रुपया का अतिरिक्त मुआवजा देकर सहयोग करें ताकि पीड़ित परिवार इस विपत्ति में कम से कम आर्थिक संकट का सामना ना कर सकें। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मध्यप्रदेश राज्य के सहायक सचिव कामरेड हरिद्वार सिंह ने कहा केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के साथ भेदभाव कर रहे हैं इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। आज राजनीति करने का अवसर नहीं है। देश को एवं देशवासियों को बचाने का अवसर है। जो जहां है वही मदद करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बच सके। एक प्रश्न के उत्तर में कामरेड हरिद्वार ने कहा कि मैं नियमित रूप से एसईसीएल के या अन्य बीमार लोगों का खोज खबर रखता हूं। आवश्यकता के हिसाब से उनको अस्पतालों में भर्ती करवाता हूं, जिम्मेदार अधिकारियों से बात करता हूं और जितनी भी मेरी क्षमता है उसका भरपूर उपयोग करता हूं। कामरेड सिंह ने अपने संगठन के साथियों से भी अपील किया कि क्रांतिकारी संगठन के सदस्य हमेशा ही जान जोखिम में डालकर के और दूसरों की सेवा करते रहे हैं। मैं यह नहीं कहता हूं कि हमारे साथी जान जोखिम में डालें, अपने को बचाते हुए पीड़ितों का, जरूरतमंदों का सेवा करना, आज की सबसे बड़ी समाज सेवा है। आप करते रहें हम आपके साथ हैं।

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