मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देशन पर खमरौध में हुई आरटीपीसीआर से कोरोना की जांच

मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देशन पर खमरौध में हुई आरटीपीसीआर से कोरोना की जांच

कोतमा। खमरौध की घटना पर संज्ञान लेकर मंगलवार को ग्राम पंचायत खमरौध में पूरा प्रशासन सहित स्वास्थ्य अमला पहुंचा व शिविर लगवाकर रेपिड टेस्ट करवाये गए  161 लोगो की रेपिड टेस्ट की जांच करवाई गयी जिसमे एक भी पोजिटिब केस नही निकले। वही स्थानीय लोगो का कहना है कि खमरौध पंचायत के अंतर्गत टिकरी टोला, पचखुरा कुल मिलाकर 3000 मतदाता हैं। जिसमे सिर्फ 1375 मतदाता खमरौध में है। जिसमे कुल 161 लोगो की जांच की गई। साथ ही जिन चौधरी मोहल्ले व जायसवाल मोहल्ले में मौतें हुई हैं उन मोहल्लों के पूरे लोगो की जांच ही नही हुई है। वही मुख्य चिकित्सा अधिकारी के एल दीवान को जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राय से मिले निर्देशन पर पुनः बुधवार को 50 आरटीपीसीआर टेस्ट करवाये गए व सेम्पलिंग लिए गए है जिसकी जांच रिपोर्ट अभी बाकी है।

ग्राम पंचायत खमरौध में हुई एक महीने के अंतराल में 14 मौतों पर जमीनी स्थिति देखने पर प्रशासन जहां अत्यधिक बुजुर्गों की सामान्य मौत व सर्दी जुकाम बुखार व अन्य बीमारियों को मुख्य कारण बता रहे। वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधि मंगल्दीन साहू ने प्रशासन से बात रखते हुए यह बात कही कि अधिकांशतः लोगो को सर्दी खांसी बुखार व संक्रमण जैसे सिम्टम्स देखने मे आये है। लेकिन ग्रामीण दहसत के कारण जांच नही करवाते व स्वास्थ्य विभाग ने गांव में कभी टेस्ट व सेम्पलिंग नही करवाये। आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य व खोडरी उपसरपंच नीलेश पांडे ने मीडिया को यह जानकारी दिए कि ग्रामीण क्षेत्रो में अधिकतर लोग सर्दी खांसी बुखार से संक्रमित हैं। जो कोरोना के डर के कारण जांच नही करवा  रहे हैं। मरने वाले अधिकांशतः सर्दी खांसी बुखार व अन्य बीमारियों से ग्रसित थे। प्रशासन द्वारा कभी भी न जांच कराई गई न दवा वितरित किये गए। जिस कारण बीते कुछ दिनों के अंतराल में 14 मौतें हुई है।
उक्त खबर को मीडिया ने प्रमुखता से प्रसारित किया। जिसपर जिला प्रशासन व चिकित्सा विभाग द्वारा संज्ञान लेते हुए आज चिकित्सा विभाग व जनपद द्वारा जांच शिविर लगाकर ग्राम वासियों की जांच प्रारम्भ की गई। खबर की हकीकत की जांच करने मीडिया ग्राउंड जीरो पर पहुंची व ग्राम वासियों स्वास्थ्य कर्मचारियों, व आपदा प्रबंधन समिति के सदस्यों व पीड़ितों से हकीकत जानने का प्रयास किये तो यह हकीकत का पता चला कि 
 ग्रामीण कोरोना की अफवाहों को सुनकर कोई भी जांच कराने जाना नही चाहता है।  ऐसे में खमरौध ग्राम पंचायत की वास्तविक स्थिति क्या है। किस तरह लोगो की जांच होगी यह कहना सम्भव नही। ग्राम खमरौध में अनुविभागीय अधिकारी ऋषि सिंघई ने आपदा प्रबंधन समिति की बैठक रखे जिसमे एस डी एम तहसीलदार मुख्य चिकित्सा अधिकारी ब्रजेश गौतम अभिषेक सिंह,द्वारिका उपाद्याय, सुनील उपाद्याय सहित ग्रामीण सदस्यों की उपस्थिति में गांव की स्थिति व मृतकों के कारण की समीक्षा किये। जिसमे अप्रैल माह में एक मौत होना पाया गया। बाकी मौतें 1 मई से 17 मई के बीच मे हुई है। जिसमे से दो लोगो को बाहरी जमुना,व बिजुरी निवासी होना पाया गया जिनका दाह संस्कार गांव में हुआ है साथ ही एक व्यक्ति के कोरोना संक्रमण से मौत की पुष्टि की गई। बाकी की मौत का कारण सर्दी खांसी बुखार व अन्य रोगों के कारण मौत होना पाया गया है। वही कुछ लोगो की मौत अस्पताल में व कुछ की अस्पताल पहुंचने के पहले ही मौत की जानकारी दी गयी। इस तरह सरकारी आंकड़ों में तो एक व्यक्ति की ही कोरोना संक्रमण से मृत्यु होना पाया गया। वही 363 टेम्रेचर चेक करने पर कई लोगो को सर्दी बुखार खांसी की पुष्टि हुई व 4 लोगो के तापमान अधिक पाए गए। 

 एहतियात के तौर पर प्रशासन ने दो मोहल्लों को सील करने व सन्दिग्ध घरों को सेनेटाइज कराने व दवा किट वितरण के निर्देश दिए गए हैं। उक्त मामले में स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन अपनी नजर बनाए हुए हैं।

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