बी एल सिंह
*तपती धूप में बरतराई बॉर्डर पर तैनात पुलिसकर्मी*
डोला-- एक तरफ पूरे देश में कोविड-19 जैसी महामारी फैली हुई है जिसकों देखते हुए देश के मुख्यमंत्री द्वारा मध्यप्रदेश की सीमा से जुड़ी सीमा महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ की सीमाओं को 10/04/21 को सील किया गया है लेकिन शासन-प्रशासन की घोर लापरवाही से आज दिनांक तक बरतराई बॉर्डर पर तैनात पुलिस विभाग राजस्व विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के लिए बरतराई नाके में अब तक टेंट व पानी की व्यवस्था नहीं कराई गई और ना ही रात्रि में लाइट की व्यवस्था कराई गई जबकि अनूपपुर जिला लॉकडाउन घोषित है इसके बावजूद अधिकारियों की लापरवाही के कारण छोटे-मोटे कर्मचारी इस कड़ाके की धूप में अपनी नौकरी करते नजर आ रहे हैं।
*कोरोना जैसी महामारी में 24 घंटे जान जोखिम में डाल सेवाएं दे रहे हैं कर्मी*
आखिरकार जिले के जिम्मेदार अधिकारियों को क्यों नहीं दिखी कर्मचारियों के प्रति संवेदना जब हमारे मीडिया के लोगों को यह जानकारी प्राप्त हुई तो नाके पर पहुंच वहां की स्थिति को देखा कि किस तरह नाके पर तैनात कर्मचारियों के द्वारा इस तरह की कड़कती धूप में कुसी लगाकर इस महामारी में अपनी सेवा दे रहे हैं। 15 दिनों से बॉर्डर को सील करने के बाद लगातार स्थानीय लोगों के द्वारा और कर्मचारियों के द्वारा इसकी सूचना रोजाना उच्च अधिकारियों को भी दी जा रही है इसके बावजूद अब तक बरतराई बॉडर पर किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं कराई गई।
*आदेश के बाद भी सचिव द्वारा बरती जा रही लापरवाही*
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोतमा तहसीलदार द्वारा बरतराई सचिव पुष्पेंद्र पांडे को विगत 3 दिन पहले ही बॉर्डर पर तैनात कर्मियों के लिए टेंट व पानी के साथ ही रात्रि में लाइट की व्यवस्था कराने की बात कही गई थी लेकिन आदेश होने के उपरांत भी अभी तक बॉर्डर पर किसी भी प्रकार की व्यवस्था ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को के लिए नहीं की गई लोगों द्वारा बताया जा रहा कि रात्रि के दौरान अंधेरे में ड्यूटी करने पर जंगली जानवरों का भी डर बना रहता है।
0 टिप्पणियाँ