*फर्जी भर्ती के तिकड़ी के तार लकड़ी एवं खाद्यान्न माफिया के साथ जुड़े।* *अश्रु वासु, अभय गुप्ता, अमित कवर की भर्ती के पीछे कौन?*

*फर्जी भर्ती के तिकड़ी के तार लकड़ी एवं खाद्यान्न माफिया के साथ जुड़े।*
 
*अश्रु वासु, अभय गुप्ता, अमित कवर  की भर्ती के पीछे कौन?*
शहडोल।सोडा कास्टिक यूनिट ओरिएंट पेपर मिल अमलाई के अंतर्गत अधिकारियों की तिकड़ी के द्वारा किए गए अपने सगे संबंधियों, रिश्तेदारों एवं अपने करीबी दलालों के लोगों को फर्जी तरीके से किए गए भर्ती मामले का खुलासा होने पर तिलमिला उठा प्रबंधन वर्ग। गौरतलब हो कि प्रदेश के मुखिया यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों की अवहेलना करना नवीन नगर परिषद बरगवां अमलाई में संचालित पूर्व में हुकुमचंद जूट मिल्स फिर जिमको प्राइवेट लिमिटेड फिर हेवी केमिकल प्लांट और अंत में सोडा कास्टिक यूनिट ओरिएंट पेपर मिल के नाम से संचालित उद्योग गिरगिट की तरह रंग बदलते इनके उद्योग के कुछ तथाकथित अधिकारी जिनके द्वारा स्थानीय जनों जिन की भूमि पर उद्योग स्थापित है उन्हीं को रोजगार, शिक्षा, चिकित्सा एवं अन्य मूलभूत एवं बुनियादी सुविधाओं से वर्षों से वंचित रखा गया।
फर्जी भर्ती में सलिप्त तिकड़ी के तार क्षेत्र के लकड़ी माफिया एवं अभी-अभी ताजा ताजा किए गए घोटाले में जुड़े खाद्यान्न माफिया के साथ मिलकर स्थानीय जनों खासकर ग्राम बरगवां के लोगों के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अख्तियार कर उनके साथ किया जा रहा अन्याय और उनके हक पर वर्षों से डाला जा रहा डाका। विश्वस्त सूत्रों की माने तो कुछ समय पूर्व उद्योग  के अंदर कार्यरत उद्योग के कैशियर जयंत  सील के साले अश्रु वासु एवं लकड़ी एवं खाद्य माफिया के भतीजे अभय गुप्ता साथ ही अपने पड़ोसी होटल संचालक कालीचरण कवर के पुत्र अमित कुमार कवर जोकि वर्षों से उद्योग के अंदर अप्रेंटिस ट्रेनिंग के लिए आवेदन कर रहा था किंतु इनके द्वारा उसे ट्रेनिंग नहीं कराया जा रहा था किंतु चुनावी दांव पेंच बनाने के लिए वोट की राजनीति के आधार पर कराया गया भर्ती।
बताया जाता है कि पूर्व में प्रबंधन के वाइस प्रेसिडेंट कार्मिक जी सी जैन, यश कुमार, श्रीवास्तव एच आर मैनेजर, रवि चंद्र सिंह एवं अन्य अधिकारियों के कार्यकाल के दौरान इनके द्वारा सदैव उद्योग के संचालन एवं वाहनों को रोककर प्रभावित करने के साथ मारपीट जैसी घटना को भी अंजाम दिया जा चुका है कई बार विषम परिस्थितियों में जब उद्योग के अंदर से क्लोरीन गैस का रिसाव होने की स्थिति में पूरे गांधीनगर मोहल्ले को इकट्ठा करके विवाद की स्थिति उत्पन्न करते हुए उद्योग के उत्पादन को प्रभावित करने का अनवरत प्रयास किया जाता रहा है। किंतु वर्तमान में इनके सभी घटनाकारको को माफ करते हुए फर्जी भर्ती की तिकड़ी इनके इशारों पर उद्योग के अंदर रोज नए लोगों की भर्ती करने में मशगूल है ऐसे में सवाल यह उठता है कि इनकी भर्ती के पीछे जिसमें अश्रु वासु एवं अभय गुप्ता, अमित कंवर की भर्ती में बर्मा, शुक्ला और चीफ सिक्योरिटी ऑफीसर उरमालिया की मिलीभगत संदेह के घेरे पर है। अब देखना यह बाकी है कि ख्याति प्राप्त कागज कारखाना ओरियंट पेपर मिल जहां पर हेड ऑफिस कोलकाता के द्वारा किए गए फेरबदल एवं नया प्रबंधन वर्ग अपनी  प्रतिक्रिया क्या देता है? क्या यह फर्जी भर्ती चलती रहेगी या फिर उन्हें अधिकारियों के सहयोग से इस पर लगेगा विराम चंद लोगों को खुश करने की लिए नए अधिकारियों की मिलीभगत सामने आएगी या क्षेत्र के युवा बेरोजगारों को अवसर मिलेगा।

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