जनजातीय विश्वविद्यालय में दो दिवसीय नवाचार गोष्ठी का सफल आयोजन
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में बालाघाट जिले के प्रेरणा केंद्र नवाचार गोष्ठी कक्ष द्वारा प्रदर्शनी लगाकर नवाचार की बात रखी। इस दो दिवसीय नवाचार उत्सव एवं प्रर्दशनी का शुभारंभ फीता काटकर माननीय प्रोफेसर श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी (कुलपति) एवं श्रीमती शीला त्रिपाठी (अध्यक्ष श्रीशील मण्डल) द्वारा किया गया और प्रो. आलोक पण्डिया, प्रो प्रशन्ना कुमार सामल, प्रो. विजय नाथ मिश्रा, प्रो. आशिष माथुर, डॉ. विजय नाथ मिश्रा, श्री रत्नेश श्रीवास्तव तथा विश्वविद्यालय के अन्य सहभागियों के साथ प्रदर्शनी में लगाये गये सभी स्टालों का निरीक्षण करते हुए सम्बंधित सभी नवाचार उत्पादों पर विस्तृत चर्चा की गई।
कुलपति श्री त्रिपाठी और आचार्यो की टीम द्वारा विश्वविद्यालय के छात्रों से प्लास्टिक के विकल्प बायो प्लास्टिक को जानने में खासी रुचि दिखाई साथ ही यहां चित्रगुप्त सागर महाकाव्य और अन्नदाता की आत्महत्या किताब का अवलोकन कर इसके लेखक सारस्वत मुरली मनोहर श्रीवास्तव से आवश्यक जानकारी ली, इसके अलावा वारासिवनी हथकरघा के कपड़ो की जानकारी लेने के बाद मंडला, डिंडोरी से बांस से निर्मित सामग्रियों की जानकारी ली, वहीं लेंटाना से निर्मित फर्नीचर और घरेलू सामग्रियों,और घास से बनाये गए कलात्मक रोजगारोन्मुखी सामग्रियों की जानकारी भी ली।
प्रदर्शनी उद्घाटन के उपरांत विश्वविद्यालय के कान्फरेन्स हाल में कुलपति श्री त्रिपाठी एवं सहकर्मी प्रोफेसरों की टीम के समक्ष बालाघाट, वारासिवनी, डिंडौरी, पेंड्रा छत्तीसगड़ आदि स्थानों से आये नवाचार के क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों की महत्वपूर्ण बैठक की गई। जिसमें बालाघाट के सारस्वत मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने चित्रगुप्त सागर महाकाव्य के संदर्भ में विस्तृत चर्चा की गई। यहां इंजीनियर भुवन लिल्हारे उर्फ बाबा उपवंशी ने पर्यावरण और जीव जंतुओं के लिए घातक प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर बायो प्लास्टिक जैव विघटित प्लास्टिक के निर्माण करने और इसके विस्तार की बात रखी। जिस पर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के द्वारा प्रकृति हित में इसके स्टार्च और दाना बनाने के संबंध में कार्य को विश्व विद्यालय द्वारा प्रोत्साहित कर उसे आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया। अधिवक्ता वर्णन श्रीवास्तव के द्वारा अनुसूचित जनजाति में कानून की जानकारी बढ़ाने और अपने अधिकारों को लेकर जनजागृति लाने, विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई लॉ के विषय को प्रारम्भ करने की बात पर जोर दिया गया। इसी क्रम में सभी उपस्थित आगंतुकों द्वारा अलग अलग विषयों को लेकर अपनी अपनी बात रखी गयी। यहां विषय विशेषज्ञ आचार्यों की टीम के द्वारा रखे गए विषयो पर नवाचार कार्यक्रम के तहत कार्यो के संपादन को लेकर आश्वस्त हुए।
कार्यक्रम को पूर्णता प्रदान करने में तन्मय भास्कर एवं उनके सभी साथियों एवं विश्वविद्यालय के छात्र- छात्राओं का विशेष योगदान रहा।
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